मिर्ज़ापुर तहसील कर्मचारियों के लापरवाही के कारण आवेदकों को समय पर नहीं दिया जा रहा है आरक्षण सर्टिफिकेट।
पवन उपाध्याय / उत्तर प्रदेश मिर्ज़ापुर में सवर्ण जातियों के कैरियर से खिलवाड़ कर रहे हैं। तहसील के कर्मचारी। जहां सरकार ने सवर्ण जाति के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं एवं अन्य कार्यो हेतु 10% का आरक्षण घोषित किया है। वहीं सरकार के नियमों का धज्जियां उड़ा रहे हैं मिर्ज़ापुर तहसील के कर्मचारी, छात्र छात्राओं से मोटी धन उगाई के बाद भी समय पर नहीं बना कर दे रहे हैं 10 परसेंट आरक्षण सर्टिफिकेट।फॉर्म जमा करने के साथ 20 से 50 रुपया सुविधा शुल्क जिसका कोई इंट्री नहीं चाहे फार्म जमा हो या फेक दिया जाय, कोई रजिस्टर मेनटेन नहीं । तत्पश्चात आवेदक लेखपाल और कानूनगो को खोजता फिरता है यदि इसी प्रकार लेखपाल कानूनगो से मुलाकात हो गई तो वहां भी न्योछावर चढ़ाना पड़ता है। यह सिलसिला यहीं पर नहीं रुकता फिर आता है। संबंधित बाबू का नंबर जो आवेदक को यह कह कर टालता रहता है कि अभी आपका सर्टिफिकेट लेखपाल के यहां से नहीं आया है या कानूनगो के यहां से रिपोर्ट लगकर नहीं आया है और इसी भागा दौड़ी के दरमियान प्रतियोगी परीक्षा में आवेदक 10 परसेंट आरक्षण का लाभ नहीं ले पाता और जिनका सुविधा शुल्क प्राप्त हो जाता है। उनका सर्टिफिकेट दर्ज रजिस्टर होकर मिल जाता है। जिसके कारण 10 परसेंट आरक्षण आवेदक में जबरदस्त आक्रोश है आवेदकों ने मांग की है कि 10% आरक्षण का जो फॉर्म जमा किया जा रहा है उसका रजिस्टर में एंट्री होना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि फॉर्म जमा हुआ है या नहीं अन्यथा सुविधा शुल्क के अभाव में आवेदकों का 10% आरक्षण फॉर्म या तो फेक दिया जाता है या हटा दिया जाता हैं। जिसका कोई रिकार्ड नहीं होता और प्रतियोगी छात्र छात्राएं आरक्षण का सर्टिफिकेट के लिए तहसील का चक्कर काटते रह जाते हैं। आवेदक इस गंभीर मुद्दा पर कमिश्नर एवं जिला अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराने की मांग की है।