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अतिक्रमण को जानबूझ कर नजरअंदाज किया तो होगी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई” Nmmc आयुक्त।

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परमेश्वर सिंह/ ठाणे नवी मुंबई में अतिक्रमण के साथ-साथ अनधिकृत निर्माण शहर की योजना में बाधा डाल रही हैं। और ऐसे भवनों में अपनी आजीविका का निवेश करने वाले नागरिक भी ठगे जा रहे हैं। इसलिए अभी का भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ता है। अत: माफिया रवैए से अनाधिकृत निर्माण करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश नगर आयुक्त श्री अभिजीत बांगर ने अतिक्रमण विभाग की समीक्षा बैठक की आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि ऐसे निर्माणों की जानबूझकर उपेक्षा करने की कोशिश करते पाए गए तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर अपर आयुक्त श्री संजय काकड़े,उपायुक्त अतिक्रमण श्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अमरीश पटनीगिरी सहित सभी विभागों के अतिक्रमण विभाग के अभियंता और सभी विभागों के सहायक आयुक्त और संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
आयुक्त ने अतिक्रमण विभाग को अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश देते हुए कहा कि व्यवस्था को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आयुक्त ने जनवरी से जून तक की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की समीक्षा करते हुए महाराष्ट्र क्षेत्रीय योजना एवं नगर नियोजन अधिनियम, 1966 की धारा 54 के तहत चल रहे सभी निर्माणों को जारी नोटिसों की समीक्षा की और अनाधिकृत निर्माणों की संख्या एवं विभागीय कार्यालयों द्वारा जारी नोटिसों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आयुक्त ने विभाग के अधिकारियों को मामले की पुन: जांच कर इस पर नियमित रूप से ध्यान देने के निर्देश दिये हैँ। आयुक्त ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि नोटिस दिए जाने या कार्रवाई होने के बाद निर्माण फिर से शुरू न हो। यह सुनिश्चित करने के लिए भी सख्त ध्यान दिया गया था कि अनधिकृत निर्माणों पर निगम द्वारा लगाए गए जन जागरूकता बोर्ड जनता के लिए दृश्यमान तरीके से प्रदर्शित किए जाएंगे और उन्हें हटाया नहीं जाएगा।  आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सिडको और एमआईडीसी की साइटों पर अनाधिकृत निर्माण हो रहा है तो वह सतर्क रहें। अतिक्रमण को रोकने के लिए प्रत्येक विभागीय कार्यालय में एक स्वतंत्र कनिष्ठ अभियंता है और इस अभियंता को लगन से कार्य करना चाहिए। ताकि विभागीय कार्यालय में अतिक्रमण की रोकथाम के लिए नियुक्त कनिष्ठ अभियंता का दायित्व है। कि वे अतिक्रमण या अनाधिकृत निर्माण की जानकारी उपलब्ध करायें और आगे की कार्यवाही की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारी एवं सहायक आयुक्त की है। शिकायत मिलने पर आयुक्त को कार्यवाही करनी चाहिये। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि अतिक्रमण की कार्रवाई में लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि कोविड के प्रसार को रोकने के लिए और अनाधिकृत पेडलरों के कारण होने वाली भीड़ को देखते हुए सभी विभागों में कार्रवाई की जाए। और नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए सड़कों और फुटपाथों पर अतिक्रमण को प्राथमिकता के रूप में हटाया जाना चाहिए यह मानते हुए कि अतिक्रमण या अनधिकृत निर्माण शहर के नियोजित विकास में बाधा डालते हैं। और नागरिक सुविधाओं को भी अप्रभावित करते हैं। अतिक्रमण विभाग को कुशलता से काम करने की जरूरत है और विभाग के अस्तित्व को महसूस किया जाना चाहिए।

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