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कंठिवली तोड़क कार्यवाई मामले में बंजारा समाज के संतों की परिषद हुई सक्रिय

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परमेश्वर सिंह, संपादक / नवी मुम्बई के कंठीवली से बंजारा समाज का धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव पिछले 300 वर्षों से है गोर बंजर6 धर्मपीठ का कहना है उनके आराध्य संत सेवालाल महाराज व्यापार करते कोंकण के समुद्री किनारे से होते हुए पहले पनवेल के नजदीक लोधीवाली में कुछ समय तक विश्राम किया था इसीलिए लोधीवाली में भव्य ज्ञानपीठ का निर्माण किया गया है लोधीवाली में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते है । इसी तरह उरण के नजदीक कंठीवली में भी उनके रहने के प्रमाण गोर धर्म ज्ञानपीठ को मिलें है जिसकी वजह से ज्ञानपीठ ने  वहां पर भव्य मंदिर का निर्माण कर रही है । अन्य धार्मिक स्थलों की तरह यहां पर भी श्रद्धालुओं के रहने के लिए भक्त निवास का निर्माण किया गया था । कंठीवली में गोर बंजारा धर्म पीठ को यह जमीन स्नेहल किसन राठोड ने खरीदकर दान में जिसके बाद भव्य मंदिर का निर्माण सम्भव हो सका था । लेकिन सिडको अधिकारियों ने मंदिर परीसर में निर्मित भक्त निवास को अवैध बताकर ध्वस्त कर दिया जो दुर्भाग्यपूर्ण भी है और निंदनीय भी है जिसकी वजह से धर्म पीठ के संतों को सक्रिय होकर न्याय मांगने के विवश होना पड़ा और धर्म परिषद बुलाकर कड़े निर्णय लेने के लिए विवश होना पड़ा । पिछले दिनों सिडको द्वारा नवी मुंबई के कंठिवली में बंजारा समाज के तीर्थस्थल शक्ति पीठ के मंदिर निर्माण के साथ साथ बनाए गए भक्त निवास पर की गयी तोड़क कार्यवाई को गोर बंजारा धर्मपीठ के संतों ने गंभीरता से लेते हुए बंजारा समाज के धार्मिक स्थल पोहरागढ़ – उमरी  में एक संत परिषद का आयोजन किया गया जिसमें बंजारा समाज के साथ हो रहे अन्याय उनके धार्मिक स्थलों पर की जा रही तोड़क कार्यवाई को लेकर सरकार और सिडको प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की गयी। इस आयोजित परिषद में कई प्रस्ताव भी पास किये गए।

परिषद में पास किये गए प्रस्ताव

आयोजित परिषद में बंजारा समाज के धार्मिक स्थल कंठिवली में सिडको द्वारा की गयी तोड़क कार्यवाई को लेकर एक प्रस्ताव पास करते हुए निर्णय लिया गया है इस मामले में बंजारा समाज के 100 संत राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे और उन्हें पूरी स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। बंजारा समाज के संत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग करेंगे कि सिडको के जिन अधिकारियों ने मंदिर परिसर में बनाए जा रहे भक्त निवास में तोड़क कार्यवाई की है उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए साथ ही भक्त निवास का निर्माण कार्य सिडको द्वारा पुनः करवाया जाए। यदि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संतों की इस मांग को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया तो बंजारा समाज के सभी धार्मिक स्थलों पर घंटानाद आंदोलन की शुरुआत करते हुए आदिशक्ति माता से प्रार्थना की जायेगी कि राज्य के मुख्यमंत्री को वे सद्बुद्धि प्रदान करें। प्रस्ताव तीन में संतों ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री फिर भी उनकी मांग को गंभीरता पूर्वक नहीं लेते हैं तो गोर बंजारा धर्मपीठ संगठन के माध्यम से प्रत्येक जिला स्तर पर आंदोलन की शुरुआत कर जिला अधिकारी को ज्ञापन देने का कार्य किया जायेगा। साथ ही सिडको के भ्रष्ट अधिकारियों के निलंबन की मांग की जायेगी। संतों की परिषद में चर्चा करते हुए कहा गया यदि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बंजारा समाज के संतों की इस मांग पर फिर भी गंभीरता पूर्वक विचार कर ठोस निर्णय नहीं लेंगे तो बंजारा समाज के संत , बंजारा समाज के विभिन्न संगठन और बंजारा समाज के सभी राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता विधानसभा को घेरने का कार्य करेंगे। इसके साथ ही प्रस्ताव में यह भी कहा गया है राज्य की जिन 30 विधानसभा क्षेत्रों में बंजारा समाज के मतदाताओं का बाहुल्य है वहां के सांसदों तथा विधायकों को लिखित निवेदन देने का कार्य भी किया जाएगा। जिसमें मांग की जायेगी कि नवी मुंबई के कंठीवाली में बंजारा समाज के धार्मिक स्थल पर जो तोड़क कार्यवाई की गयी है सिडको उसका पुनर्निर्माण करे यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आने वाले समय में बंजारा समाज चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेगा। यदि बंजारा समाज के संतों की मांग को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया गया तो बंजारा समाज नेताओं तथा मंत्रियों का घेराव कर उनका बहिष्कार करने के आंदोलन की शुरुआत करेंगे। साथ ही आंदोलन को और अधिक आक्रामक बनाते हुए जिला स्तर आंदोलन की शुरुआत की जायेगी .साथ ही सरकार और सिडको प्रशासन के खिलाफ जिला स्तर पर पत्रकार परिषद का का भी आयोजन कर बंजारा समाज पर किये जा रहे अन्याय के बारे में जानकारी दी जायेगी। प्रस्ताव में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि तोड़क कार्यवाई करने वाले अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाई सरकार नहीं करती है तो बंजारा समाज सिडको पर विशाल मोर्चा निकलेगा यदि मोर्चे के दौरान कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी बंजारा समाज की न होकर सिडको प्रशासन की होगी। यदि सरकार फिर भी नहीं मानी तो सरकार और प्रशासन में सद्बुद्धि आए इसके लिए कंठिवली स्थित भक्ति धाम परिसर में भव्य अभिषेक पूजन , भोग पूजा और अन्नदान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा इस कार्यक्रम की समाप्ति के बाद बंजारा समाज के एक लाख लोग अपना विरोध व्यक्त करने के लिए जेल भरो आंदोलन भी करेंगे जिसमें कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की ही होगी।

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