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भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर आखिर क्यों नहीं होती कार्यवाई ?

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मनीष अस्थाना / महाराष्ट्र : नवी मुंबई पुलिस आयुक्त समेत आयुक्तालय के सभी भ्रष्ट अधिकारी बेलापुर नवी मुंबई की विधायक मंदा म्हात्रे के निशाने पर हैं। उन्होंने विधानसभा के मानसून सत्र में नवी मुम्बई पुलिस आयुक्तालय के विभिन्न विभागों में तैनात भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का मामला उठाया है। नवी मुम्बई पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा विधानसभा के पटल पर उठाए जाने के बाद भी आखिर ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई नही की जाती है, वह भी तब जब भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का मुद्दा सत्ता पक्ष के किसी विधायक द्वारा उठाया गया हो। इससे पहले भी विधायक मंदा म्हात्रे यह मुद्दा उठा चुकीं है उस समय राज्य महाविकास आघाड़ी की सरकार थी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे उस समय भी यह मुद्दा उठाने के बाद सरकार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था। जिस समय राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार थी उस समय खुद देवेंद्र फडणवीस ने नवी मुंबई पुलिस आयुक्त पर सदन के भीतर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे, उस समय उद्धव ठाकरे सरकार ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस तथा भाजपा विधायक मंदा म्हात्रे के आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया था। इस बार फिर मानसून सत्र में बेलापुर की भाजपा विधायक मंदा म्हात्रे ने नवी मुम्बई  पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार का मामला सदन में उठाया है। अब तो राज्य में भाजपा की सरकार है और गृह मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास है ऐसे में अपनी ही पार्टी की विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीरता पूर्वक लेना चाहिए । देवेंद्र फडणवीस खुद नवी मुंबई पुलिस आयुक्त विपिन सिंह पर सीधा भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं। आज के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में जो आरोप लगाए थे उसके साक्ष्य भी रखे थे लेकिन उस समय तो उन पर न तो कोई कार्यवाई हुई और न ही उनका तबादला ही हुआ लेकिन अब नवी मुम्बई के भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों तथा देवेंद्र फडणवीस की नजर में सबसे भ्रष्ट पुलिस आयुक्त पर न तो अब तक कोई कार्यवाई की गई और न ही उनका अभी तक तबादला किया गया जबकि गृह मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास ही है और शिंदे – भाजपा सरकार बने दो महीने से अधिक का समय भी बीत चुका है मंत्रिमंडल का गठन भी हो गया है और विभागों का बटवारा भी किया जा चुका है। नवी मुम्बई पुलिस आयुक्तालय में 30 पुलिस स्टेशन है अच्छा खासा पुलिस बल है लेकिन फिर भी नवी मुम्बई के लेडीज सर्विस वाले बारों तथा डांस बारों में खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जाती है, नवी मुम्बई में सबसे अधिक प्रतिबंधित गुटखे की सप्लाई होती है नवी मुम्बई में प्रतिबंधित गुटखा सप्लाई करने वाले वाहन पकड़े भी जाते हैं लेकिन भ्रष्ट पुलिस अधिकारी ऐसे वाहनों पर बिना कोई कार्यवाई किए अर्थपूर्ण व्यवहार के बाद बिना कोई मामला दर्ज किए उन्हें छोड़ देते है। पिछले कुछ समय से नवी मुम्बई पुलिस आयुक्तालय की सीमा में जुएं के अड्डे भी खूब चल रहे नवी मुम्बई के सीबीडी बेलापुर के सेक्टर 15 में जुंआ माफिया बाबू नाडर का अवैध क्लब जुआं का अड्डा पिछले एक साल से चल रहा है यह क्लब जिस सेक्टर में चल रहा है वह पुलिस आयुक्तालय से कुछ ही दूरी पर है इसी रास्ते से पुलिस आयुक्त, उपायुक्त व अन्य पुलिस अधिकारियों के वाहन रोज निकलते हैं, उसके बावजूद पुलिस वालों को जानकारी नहीं है अब सोचिए ?  जब नवी मुम्बई पुलिस का खुफिया विभाग इस बात का पता नहीं लगा पाता है कि पुलिस आयुक्तालय के पास क्या क्या अवैध हो रहा है । पुलिस आयुक्तालय के एक दम पास बिग बॉस, नाइट एंजिल जैसे डांस बार, पबों में हो रही अवैध गतिविधियों के बारे जानकारी नहीं जुटा पाता है तो नवी मुम्बई में आने वाले नशीले पदार्थों के बारे में क्या खाक पता लगा पायेगा ? दूसरे राज्यों से इनपुट मिलने के बाद नवी मुंबई पुलिस ड्रग्स जप्त कर अपनी तारीफ करवाती ऐसे पुलिस अधिकारियों को नवी मुम्बई तो क्या पुलिस विभाग में भी रहने का हक नहीं है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर दंडनीय कार्यवाई होनी चाहिए सरकार ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाई करे न करे देश की न्याय व्यवस्था को खुद ऐसे मामलों में संज्ञान लेने की आवश्यकता है।

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