मानव मात्र की सेवा करना ही जीवन का उद्देश्य- औघड़ सियाराम बाबा
अख्तर हाशमी/ कछवा, मिर्जापुर: घर पर रहकर परिवार के लोगों की सेवा करना, एक-दो व्यक्तियों की सेवा करने से बेहतर यह लगा कि संन्यासी जीवन में ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा करूं। यह कहना है बाबा काशी…