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नवी मुम्बई में आज भी प्रतिदिन 1 करोड़ का प्रतिबंधित गुटखा खा जाते है लोग! प्रत्येक पान की टापरी पर आसानी से उपलब्ध है गुटखा

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मनीष अस्थाना / महाराष्ट्र: नवी मुम्बई एक ऐसा शहर है जहाँ के लोग प्रतिदिन लगभग एक करोड़ का प्रतिबंधित गुटखा खाकर थूक देते है। इस शहर में आज भी प्रतिबंधित गुटखे की बिक्री खुलेआम की जा रही है ।जानकारी के अनुसार नवी मुम्बई में प्रतिदिन प्रतिबंधित गुटखा बड़ी मात्रा में ट्रकों, टेम्पो या जीप के माध्यम से नवी मुंबई के विभिन्न इलाकों में पहुंच रहा है। मजेदार बात यह है कि यह प्रतिबंधित गुटखा नवी मुम्बई की प्रत्येक पान की टपरी पर आसानी से उपलब्ध है जिसे एक नाबालिग बच्चा भी खरीद कर ले आता है लेकिन हास्यास्पद बात यह है कि इस बात की कोई जानकारी न तो एफडीआई अधिकारियों के पास होती है और न ही स्थानीय पुलिस प्रशासन के पास, जबकि पुलिस महकमे के कई पुलिस वाले भी प्रतिबंधित गुटखे का स्वाद लेते हुए देखे जा सकते हैं। पता हो कि महाराष्ट्र में तंबाखू जन्य उत्पादों पर काफी समय से प्रतिबंध लगाया जा चुका है जिसकी वजह से महाराष्ट्र में न तो गुटखे का उत्पादन किया जा सकता है और न ही इसे कोई  अपनी दुकान में बेंच सकता है। महाराष्ट्र में विमल पान मसाला, रजनीगंधा पान मसाला जैसे अनगिनत पान मसाला है जिसको बेचने पर भी राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है इस प्रतिबंध को कायम रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने पुलिस प्रशासन तथा एफडीआई विभाग को दे रखी है। महाराष्ट्र में तम्बाकू जन्य उत्पादों पर प्रतिबंध कायम रखने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कड़े कानून बनाये गए है। राज्य में गुटखे पर प्रतिबंध लगने के बाद इसका उत्पादन तो पूरी तरह से बंद है लेकिन महाराष्ट्र से सटे पड़ोसी राज्यों से गुटखे की स्मगलिंग कर मुम्बई, ठाणे, नवी मुम्बई में लाया जा रहा है। स्मगलिंग की वजह से नवी मुम्बई की हर पान टपरी पर भले ही कुछ न मिले लेकिन विमल गुटखा आसानी से मात्र 25 रुपये में मिल जाता है जिसे परिचित या अपरिचित ग्राहक दोनों आसानी से खरीद सकतें है इन्हें न तो पुलिस प्रशासन का भय है और न ही एफडीआई के अधिकारियों का, क्योंकि उनके ही संरक्षण में नवी मुम्बई में गुटखा लाने व बेचने का घ्रणित कार्य करवाया जा रहा है , इस तरह के आरोप नवी मुम्बई की जनता द्वारा ही लगाए जाते रहें हैं। रात के समय ट्रक चालकों तथा यात्रियों को सुविधा देने के नाम पर नवी मुम्बई सिग्नलों तथा लंबी दूरी के बस स्टॉपों पर कुछ लोग चाय बेचने की दुकान चलातें हैं उनके पास भी गुटखा आसानी से मिल जाता है भले ही चाय के साथ खाने के लिए बिस्किट न मिले। जानकारी के अनुसार अभी कुछ दिनों पहले तलोजा पुलिस स्टेशन तथा रबाले पुलिस ने गुटखे से लदे वाहनों को पकड़ा था जिसमें तलोजा पुलिस ने तो मामला दर्ज कर गुटखे को जप्त कर लिया लेकिन रबाले पुलिस ने बिना मामला दर्ज किए उसे रफा दफा कर दिया। इस बारे में सूत्रों का ही कहना है कि नवी मुंबई के तुर्भे, रबाले, सानपाडा, नेरुल, कळम्बोली, वाशी, कोपरखैरने, सीबीडी बेलापुर व तलोजा परिसर में गुप्त रूप से अपने अड्डे बना रखें हैं जहां अवैध रूप से लाए जाने वाले गुटखे का भंडारण किया जाता है फिर वहीं से उनके एजेंट प्रत्येक पान की टपरी पर प्रतिबंधित गुटखे की सप्लाई करते है। अब बात एक बार फिर पुलिस के खुफिया विभाग की असफ़लता पर आ जाती है सवाल उठता है कि जब नवी मुम्बई की प्रत्येक पान की टपरी पर गुटखा आसानी से उपलब्ध रहता है तो फिर स्थानीय पुलिस प्रशासन या एफडीआई अधिकारी इससे अनजान कैसे ? पुलिस की भूमिका पर भी कई तरह के सवाल उठने स्वाभाविक है ? पुलिस प्रशासन लाख अपनी सफाई पेश करे लेकिन उसकी भूमिका पर संदेह करना लाज़मी है क्योंकि गुटखे की विक्री चोरो छिपे नहीं बल्कि खुलेआम हो रही है और पुलिस प्रशासन नेत्रहीन बनकर चैन की नींद सो रहा है ।

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