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नवी मुंबई एपीएमसी मार्किट व अन्य परिसर में रात्रिकालीन अवैध धंधों का बोलबाला, चोरी–लूट और गुंडागर्दी से व्यापारीयों में दहशत

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रमेश प्रजापति, नवी मुंबई: नवी मुंबई के प्रसिद्ध एपीएमसी मार्केट, वाशी, सानपाडा, नेरुल, कोपरखैरने, तुर्भे MIDC, बेलापुर, एनआरआई, परिसर में रात के समय कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराती नजर आ रही है। दिन में जहाँ लाखों का कारोबार होता है, वहीं रात में यह इलाका अवैध हॉकर्स, नशेबाज़ों, चोरी और लूट की घटनाओं का गढ़ बन चुका है। स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों में भय और आक्रोश का माहौल व्याप्त है। ‘रात ढलते ही एपीएमसी मंडी में शुरू होता है अपराधों का खेल’ जैसे ही रात का अंधेरा छाता है वैसे ही एपीएमसी परिसर में अवैध हॉकर्स रिक्शा चालकों और असामाजिक तत्वों की भीड़ जमा हो जाती है। व्यापारियों का आरोप है कि ये लोग नशे में धुत होकर झगड़ा करते हैं, सामान चोरी करते हैं और कइयों से जबरन वसूली भी करते हैं। कई बार तो मामूली बातों पर मारपीट और हथियारों से धमकी तक की घटनाएँ सामने आती हैं। ‘कानूनी पहलू’ कौन-कौन सी धाराएँ बनती हैं’ इन घटनाओं पर भारतीय न्याय संहिता- (BNS) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की कई धाराएँ सीधे लागू होती हैं– धारा 302: लूट या हिंसक छीना-झपटी करना। धारा 111: सार्वजनिक शांति भंग करना, शोर-शराबा या झगड़ा करना। धारा 326: अवैध व्यापार या बिना अनुमति वस्तुओं की बिक्री। धारा 351: बिना अनुमति समूह बनाना या भीड़ इकट्ठा करना। महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम (Maharashtra Police Act, 1951) के अंतर्गत- धारा 33(w) : बिना अनुमति ठेला लगाना या रास्ता घेरना। धारा 102: सार्वजनिक स्थल पर उपद्रव, नशाखोरी या हंगामा करना। धारा 110: रात में संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार। धारा 117: सार्वजनिक शांति बनाए रखने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करना। धारा 131: पुलिस आदेश की अवहेलना करने पर दंड। इन धाराओं के तहत पुलिस को मौके पर ही गिरफ्तारी जुर्माना और दुकानें हटाने की कार्रवाई करने का अधिकार हैँ, पुलिस की भूमिका और व्यापारियों की नाराज़गी – व्यापारियों का आरोप है कि रात के समय पुलिस गश्त न के बराबर होती है। कई बार शिकायतें देने के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं। व्यापारियों का कहना है कि अगर रात में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए और अवैध हॉकर्स धंधे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, तो एपीएमसी फिर से सुरक्षित हो सकती है। एपीएमसी नवी मुंबई की आर्थिक धड़कन है, लेकिन रात में यह अपराधियों का अड्डा बन चुकी है। पुलिस को तत्काल सख्ती दिखानी होगी। एक वरिष्ठ व्यापारी फल मंडी की मांग- 1. एपीएमसी परिसर में रात्रिकालीन हॉकर्स धंधे पर पूर्ण प्रतिबंध लगे। 2. हर गेट पर पुलिस पिकेट और सीसीटीवी निगरानी अनिवार्य हो। 3. रात 10 बजे के बाद किसी भी असंगठित विक्रेता को प्रवेश न दिया जाए। 4. नशाखोरी, जुआ और असामाजिक गतिविधियों पर BNS और पुलिस एक्ट के तहत त्वरित कार्रवाई हो। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी– स्थानीय मंडी समिति और व्यापारी संघों ने स्पष्ट कहा है कि यदि आने वाले दिनों में सख्त कदम नहीं उठाए गए तो वे एपीएमसी के गेट बंद कर शांतिपूर्ण आंदोलन करने को मजबूर होंगे! रात में चलने वाला अवैध हॉकर्स धंधा सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक अपराध भी है। एपीएमसी को सुरक्षित और अनुशासित बनाना प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

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