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माफियाओ के द्वारा खोलें गए मदरसा स्कूल! आमदनी का सौदा बना।

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Nmt News / उत्तर प्रदेश देवबन्द मदरसों की नगरी है यहां पर छोटे बड़े मिलाकर कई सौ मदरसे हैं जिसमे तक़रीबन 10 हज़ार से ज्यादा छात्र शिक्षा हासिल करते हैं। इतनी ज्यादा तादाद में शिक्षा केन्द्र होने से देवबंद में लगता है की शिक्षा क्रांति आई हुई है लेकिन देवबन्द की मुस्लिम आवाम को देखने के बाद महसूस होता है कि शिक्षा के नाम पर सब चंदे का धंधा बनाया है। देवबंद में मुसलमानों की अक्सरियत अनपढ़ है। आज की जरूरतों को देखते हुए देश के चंदा देने वाले मुसलमानों ने इन शिक्षा माफियाओं को चंदा देने में आनाकानी करने लगे क्योंकि उन्हें लगता है इस शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा भी देना जरूरी है जोकि इन मदरसों में कम ही दी जाती है । इस सबसे को देखते हुए इन मदरसा माफियाओं ने अपनी नीति बदली जो कि पिछले कुछ समय तक लड़कियों की शिक्षा के लिए मुखालिफ थे उन्होंने लड़कियों के मदरसे कम स्कूल खोलने शुरू कर दिए जिसमें दिनी के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जा रही है इसमें फीस भी तगड़ी मिल जाती है। और चंदा भी डबल हो गया इन मदरसों में इन मदरसा माफिया की पूरी तरह तानाशाही चलती है किसी अभिभावक की कोई सुनवाई नहीं होती अभी दारुलउलूम के करीब स्थित इसी तरह के एक मदरसे में छात्राओं की छात्रवृत्ति को मदरसा प्रबंधकों द्वारा वापस ले लिया गया जो कि छात्राओं के खाते में आई थी उन छात्राओं पर ज़ोर दिया जा रहा है कि वज़ीफ़ा मदरसे में लाकर जमा कराए जबकि वह वजीफा छात्राओं के लिए है और सरकार के द्वारा ऐसा कोई नियम नहीं है कि वह स्कूल वापस ले ।इसी तरह कायस्थवाडा स्थित एक अन्य मदरसे में जो स्कूल के नाम से ही संचालित है कोरोना काल मे सरकार की नीतियों को धता बताकर छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया गया 1 घंटे का एक टेस्ट लेकर वहां पढ़ने वाली सभी छात्राओं को फेल कर दिया गया और अभिभावकों को बताया गया सभी छात्राएं फेल हो गई है इसलिए इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सकता यह सब उसी कक्षा में रहेंगी। जबकि योगी सरकार ने सभी स्कूलों को आदेश दिया था की सभी छात्राओं को 1 साल के प्रोन्नत कर दिया जाए इस तरह इन्ही माफियाओं द्वारा चलाए जा रहे ईदगाह के करीब स्थित एक अन्य मदरसे में फीस बहुत ज़्यादा बढा दी गई ।

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