परमेश्वर सिंह / नवी मुंबई, नवी मुंबई के कंठिवली परिसर में एक मंदिर परिसर में भक्तों के लिए बनाए गए विश्राम स्थलभक्त निवास पर सिडको द्वारा की गयी तोड़क कार्यवाई मामले की उप मुख्यमंत्री अजीत पवार से की गयी, शिकायत के बाद उप मुख्यमंत्री ने सिडको अधिकारियों की विभागीय जांच कराने की बात कही है। इस मामले में सिडको के अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप स्नेहल किसन राठोड द्वारा लगाया गया है। स्नेहल किसन राठोड का कहना है वे इस तोड़क कार्यवाई के खिलाफ फौजदारी का मामला भी दाखिल करेंगी साथ ही वे महिला आयोग से भी न्याय के लिए गुहार लगाएंगी। एक दिन पहले नोटिस देकर दूसरे दिन सिडको ने तोड़ दी ईमारत उल्लेखनीय है कि उरण तालुका के तहत आने वाले कंठिवली गांव में दो एकड़ की जमीन पर स्नेहल किसन राठोड द्वारा एक मंदिर के साथ साथ दो मंजिली भक्त निवास नामक ईमारत का निर्माण किया था, स्नेहल किसन राठोड के अनुसार यह ईमारत मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम करने के उद्देश्य से बनायीं गयी थी लेकिन सिडको ने बनायीं गयी ईमारत को अवैध बताकर ध्वस्त कर दिया ,लेकिन मंदिर पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाई नहीं की । स्नेहल किसन राठोड का कहना है कि उन्हें तोड़क कार्यवाई करने से ठीक एक दिन पहले नोटिस दी गयी और अगले दिन उस ईमारत पर बुलडोजर चला दिया गया। इस बारे में किसन राठोड का कहना है कि जिस ईमारत का निर्माण किया गया था उसके लिए ग्राम पंचायत से अनुमति भी ली गयी थी और इस इमारत का प्लान पास करवाने के लिए सिडको में भी आवेदन दिया गया था।
“सिडको अधिकारियों को रिश्वत नहीं देने पर हुई कार्यवाई”
किसन राठोड का कहना है कि सिडको के कुछ अधिकारी लगातार उनसे रिश्वत की मांग कर रहे थे और जब उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो उन लोगों ने उस ईमारत पर बुलडोजर चला दिया। उन्होंने बताया कि सिडको अधिकारियों की इस मनमानी कार्यवाई के खिलाफ उन्होंने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से शिकायत की जिसके बाद उन्होंने सिडको के प्रबंध निदेशक संजय मुखर्जी समेत इस तोड़क कार्यवाई में शामिल सभी अधिकारियों की विभागीय जांच कराने की बात कही है। किसन राठोड का कहना है कि सिडको ने जब उन्हें 2019 में नोटिस दिया था तो उसके बाद में उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसमें अदालत अपने आदेश में कहा था कि वे अनुमति लेकर निर्माण कार्य कर सकते हैं जिसके बाद उन्होंने ग्राम पंचायत से अनुमति भी ली और सिडको में निर्माण कार्य करने की अनुमति के लिए आवेदन भी दिया था किन्तु सिडको ने अनुमति नहीं दी। सिडको के खिलाफ दाखिल करेंगे फौजदारी का मामला स्नेहल किसन राठोड का कहना है कि सिडको ने यह कार्यवाई मात्र दहशत फैलाने के लिए की है जो पूरी तरह से अन्याय कारक है इसके खिलाफ वे अदालत में सिडको के प्रबंध निदेशक संजय मुखर्जी तथा अन्य अधकारियों के खिलाफ फौजदारी का मामला दाखिल करेंगे साथ ही वे इस बात की अदालत से मांग भी करेंगे उनका जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरवाई सिडको अधिकारियों की जेब से की जाय। स्नेहल किसन राठोड का कहना है सिडको नैना परिसर में बनी इमारतों को अवैध बताकर जो कार्यवाई कर रही है वे किस नियम के तहत है जबकि नैना का आदभी तक डीपीआर तक नहीं बना है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या नैना परिसर में आने वाले सभी घरों को तोड़ने का कार्य सिडको करेगी जो गाँव के दो सौ मीटर के दायरे में बने हैं जबकि नियम के तहत सिडको को तोडू कार्यवाई करने का तब तक अधिकार नहीं हैं जब तक नैना परिसर का डीपीआर नहीं बन जाता है , सिडको अभी सिर्फ दहशत फैलाने का काम कर रही है। स्नेहल किसन राठोड का कहना है कि सिडको को इस सवाल का जवाब अदालत में देना होगा।
सिडको ने ईमारत को बताया अवैध
इस तोड़क कार्यवाई को लेकर सिडको का कहना है कि स्नेहल किसन राठोड को 2019 में एक नोटिस जारी की गयी थी बावजूद इसके निर्माण कार्य रोका नहीं गया था सिडको का कहना है कि जिसके द्वारा यह निर्माण किया जा रहा था उसके द्वारा कई तरह के नियमों की अवहेलना की जा रही थी रही थी सिडको अधिकारीयों का कहना है कि इमारत को बनाने के लिए नाले को भी पाट दिया गया था जिसकी वजह से गाँव में पानी भरने की समस्या हो सकती थी। सिडको का कहना है बनाये गए अवैध निर्माण पर तोड़क कार्यवाई न की जाए इसके लिए उस इमारत को भक्त निवास का नाम दिया गया था। इस तोड़क कार्यवाई के बारे में सिडको के मुख्य दक्षता अधिकारी डॉ शशिकांत महावरकर का कहना है कि जिस जमीन पर भक्त निवास नामक इमारत बनायीं गयी थी उसे खाड़ी की जमीन को पाटकर कब्ज़ा किया गया था इस बारे में कई लोगों की शिकायतें भी मिली थी। डॉ महावरकर ने कहा कि नैना परिसर में जितनी भी इमारतें अवैध रूप से बनायीं गयी है उनके खिलाफ जल्द ही तोड़क कार्यवाई शुरू की जाएगी।