महंगाई के सहारे अपने आप को बचाने कांग्रेस का संघर्ष, फिर भी कांग्रेस की तारीफ करनी चाहिए
मनीष अस्थाना / महाराष्ट्र: ईडी (ED)के दबाव में फंसी कांग्रेस पार्टी की मुखिया श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने महंगाई को ढाल बनाकर भले ही अपने आप को बचाने का प्रयास किया हो लेकिन सही मायने में बढ़ती महंगाई के खिलाफ आवाज उठाने की वास्तव में आवश्यकता थी जिसे कांग्रेस ने पूरा किया। भाजपा जिस तरह से कार्य कर रही है लोग महंगाई के बोझ तले अपने आप को दबा हुआ महसूस कर रहें है लेकिन आम जनता अपनी आवाज सरकार तक नहीं पहुंचा पा रही है। भाजपा नेता खुलेआम यह कहते हुए नजर आ रहें हैं उन्हें महंगाई कहीं दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे लोगों को आंख का अंधा और कान का बहरा होने की सिर्फ उपाधि ही दी जा सकती है इसके अलावा कुछ नहीं किया जा सकता है। यह सच है 2014 के बाद महंगाई बढ़ी है रोजगार कम हुए है बेरोजगारी बढ़ी है लोगों की आमदनी घटी है लेकिन वर्तमान सरकार ने विकास तथा राष्ट्रवाद के साथ साथ लोगों की आंखों पर हिदुत्व की पट्टी बांध दी है जिसकी वजह से वे महंगाई और बेरोजगारी को महसूस तो कर रहें हैं लेकिन जान बूझकर इसलिए नेत्रहीन और बेजुबान बने हुए हैं कि कहीं कोई उन्हें राष्ट्र द्रोही की उपाधि से अलंकृत न कर दे। आज हालात यह है कि पेट्रोल के बढ़े दाम गैस की दिन प्रतिदिन बढ़ती कीमतें कहीं न कहीं सबको परेशान कर रहीं है चाहे वह भाजपाई हो या गैर भाजपाई। गैर भाजपाई तो कहीं न कहीं अपनी भड़ास निकाल भी देता है लेकिन भाजपा की विचारधारा से जुड़ा व्यक्ति मुंह तक नहीं खोल सकता है वह हिचकता है कहीं उसके बारे में लोग गलत न सोचने लगे। कोरोना काल के समय बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए और आज तक वे बेरोजगार हैं जो लोग बेरोजगार है उसमें भाजपाई विचारधारा वाले लोग भी है। इसमें बड़ी संख्या में ऐसे भाजपाई भी होंगे जिनके बच्चों की फीस नहीं भरी गयी होगी और उनके बच्चे स्कूल जाने से भी वंचित होंगे ऐसे कई लोगों को तो मैं भी जानता हूँ लेकिन इन लोगों ने अपनी आंखों पर झूठा चश्मा चढ़ा रखा है जिसे उतारना तो चाहतें हैं लेकिन उतार नहीं सकते है। केंद्र सरकार ने दाल, चावल, आटा, दुग्ध उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है जिसका सीधा असर आम जनता पर ही पड़ेगा लेकिन भाजपा का समर्थन करने वाले उसका भी फायदा गिनाने के लिए कुतर्को से बाज नहीं आ रहें हैं। आज मंहगाई को लेकर कांग्रेस ने जो प्रदर्शन किया है उसकी तारीफ की जानी चाहिए क्योंकि भाजपा क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की बात कर रही है। कांग्रेस को महंगाई के मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों को भी साथ लेना चाहिए था यदि अन्य विपक्षी दल भी इस प्रदर्शन में साथ रहते है तो विपक्ष की एकजुटता दिखाई देती जिसके चलते सत्ता पक्ष का मनोबल कमजोर होता। अन्य विपक्षी पार्टियां भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग करने का आरोप लगाती तो है लेकिन सही समय पर यह दल एकसाथ आने में गुरेज करतें हैं शायद इसी का लाभ सत्ता पक्ष उठाता है। आज महाराष्ट्र में भाजपा ने शिवसेना को दो गुटों में विभाजित कर दिया, इससे पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो गए कोई सत्ता के मोह के चलते गया तो कोई भय वश भाजपा में शामिल हुआ। किसी भी लोकतांत्रिक देश में मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है लेकिन भाजपा विपक्ष को ही समूल नाश करने में जुटी है और वह इसमें काफी हद तक कामयाब भी हो रही है जो लोकतंत्र के लिए घातक है। इसलिए कांग्रेस ने जिस तरह से आज प्रदर्शन किया उसकी तारीफ की जानी चाहिए लेकिन सड़क की लड़ाई के साथ साथ कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को संसद में भी लड़ाई लड़नी होगी संसद में हो हल्ला करने के बजाय उस पर गंभीरता पूर्वक सरकार से सवाल जवाब करना चाहिए ताकि आम जनता को इस बात का आभाष हो कि कांग्रेस आम जनता के हित की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क से लेकर संसद तक में उतरी है तभी कांग्रेस को आम जनता का समर्थन मिलेगा।