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तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा तालिबान जल्द ही अफगानिस्तान का नाम बदलकर अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात कर सकता है।

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परमेश्वर सिंह / अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार को तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया। तालिबान ने तब से पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण का दावा किया है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर जा चुके हैं। काबुल की मौजूदा स्थिति की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और अब जबकि भारत एक पड़ोसी देश है। अफगानिस्तान और भारत के संबंधों की चर्चा हो रही है। इसके अलावा चीन ने तालिबान सरकार को स्वीकार किया है। अफगानिस्तान में अब तालिबान की सरकार बन चुकी है और इसकी मान्यता की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है।  हालांकि कुछ देश सरकार को मंजूरी देने के पक्ष में नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान, चीन, रूस और तुर्की अफगानिस्तान में अपने दूतावास बंद नहीं करेंगे। समझा जाता है कि तालिबान सरकार के तहत इन देशों के दूतावास जारी रहेंगे। इस बीच चीन ने आज स्पष्ट किया कि वह तालिबान सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए तैयार है।  इसलिए यह खुलासा हुआ है कि चीन तालिबान सरकार का समर्थन करता है। एएफपी के अनुसार चीन ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए तैयार है। रूस ने कहा है कि सब कुछ तालिबान के व्यवहार पर निर्भर करेगा। इस बीच, तालिबान का मुख्यालय पाकिस्तान में है। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि तालिबान सरकार को पाकिस्तान द्वारा मान्यता दी जाएगी।  खास तौर पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कुछ दिन पहले कहा था कि अफगानिस्तान में हिंसा को पाकिस्तान हवा दे रहा है।  दूसरी ओर तुर्की के अधिकांश लोग इस बदलाव को एक अवसर के रूप में देखते हैं। तालिबान की राय भारत के बारे में है अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत अपनी भूमिका बदलेगा और हमारा समर्थन करेगा। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में पुन: र्निर्माण के लिए तालिबान का रोडमैप तैयार है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा उम्मीद है कि भारत जल्द ही अपनी स्थिति बदलेगा क्योंकि भारत यहां थोपी गई नई सरकार के पक्ष में बोल रहा है। इसलिए वह नई सरकार का समर्थन करेगा क्योंकि इससे दोनों देशों को फायदा होगा। दूतावासों और राजनयिक अधिकारियों की सुरक्षा भारत समेत कई देशों ने अपने राजनयिकों और नागरिकों को अफगानिस्तान से सुरक्षित स्वदेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच तालिबान के एक प्रवक्ता ने आश्वासन दिया हैँ कि देश में सभी विदेशी दूतावासों को तालिबान द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी।  सुहैल शाहीन ने कहा हम सभी विदेशी दूतावासों और राजनायिक अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराएंगे जबकि दूसरे देशों में हमारे दूतावासों पर फैसला सरकार के अस्तित्व में आने के बाद लिया जाएगा।

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