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Nmt News,मुख्य सलाहकार संतोष पांडे की कलम से

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तेरे खयालो में मैं घुला रहूँ
कहाँ दिन कहाँ ये रात है
तेरे नख्शे कदम पर मैं फिर रहा
ये आवारगी का जो ताज है
तेरे ख्याल में मैं घुला रहूँ
तेरे ख्याल में मैं घुला रहूँ
कहाँ दिन कहाँ ये रात है
तेरे हर कदम पर कदम किया
मेरी आवारगी का राज है
तेरे ख्याल में मैं घुला रहूँ
तू ये जानकर क्यों मुकर रही
क्या कमी रही मेरे ख्याल में
क्यों मेरे नसीब तू रजां नहीं
क्या कसर रही मेरे प्यार में
तेरे ख्याल में मैं घुला रहूँ
कहाँ दिन कहाँ ये रात है
मैं लूटा लूटा सा जो जी रहा
तेरा सवाल है क्या ये हाल है
तेरे दर से लेके सफर तलक    
तेरी हर ख़ुशी का ख्याल है
तेरी हर ख़ुशी मेरा ख्वाब है
कहाँ दिन कहाँ ये रात है
मुझे क्या हुआ है ये जान ले
मेरी हाँ में हा हो जाएँ तो
न हुआ तो बस ये मलाल है
कहाँ दिन कहाँ ये रात है
तेरे हर निगाह का मैं मुन्तजिर
कोई शक जो हो आजमाही ले
ये मेरे सबर का है सिलसिला
कोई गिला नहीं है ये हाल है  
कहाँ दिन कहाँ ये रात है

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