गोधना गांव के सारनाथ शिव मंदिर पर सोमवार को शिव भक्तों का जनसैलाब”दर्शन को लेकर किया करोना नियमों का उल्लंघन।
पवन उपाध्याय/ UP, मिर्जापुर कछवा क्षेत्र के गोधना गांव स्थित सारनाथ शिव मंदिर पर भक्तों का जनसैलाब सोमवार को उमड़ पड़ा भक्तों की आस्था के आगे करोना कॉल भी नपुंसक नजर आया। कछवां से राजातालाब मार्ग पर करीब चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर सारनाथ का अपने आप में एक विशेष महत्व है। सावन मास के चारों सोमवार को मंदिर के आसपास मेला लगता है। लोग दर्शन-पूजन कर मेले का आनंद उठाते हैं। कांवरिए गंगाजल लाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। इस मंदिर का निर्माण कब हुआ और किसने कराया यह ज्ञात किसी भी स्थानीय लोगों को नहीं है। स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार उन्होंने भी अपने दादा-परदादा से इस मंदिर के बारे में सुना है। इसी से अनुमान लगाया जाता है कि यह मंदिर तकरीबन दो हजार वर्ष पुराना है। जनश्रुति के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के गणों ने किया था। जमीन से आठ फीटे नीचे से शुरू हुए इस मंदिर की ऊंचाई जमीन के बाहर तीस फीट की है। आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि मंदिर बड़े-बड़े पत्थरों को एक के उपर एक रख कर बनाया गया है। मंदिर के पत्थर पर उकेर कर किसी भाषा मे कुछ लिखा है। इसे आज तक कोई भी पढ़ नहीं सका। मंदिर के पुजारी नंदलाल माता प्रसाद गोस्वामी का कहना है। कि शिव सत्य हैं। इसमें किसी को कोई शंका नहीं करनी चाहिए। मनुष्य यदि उनकी शरणागत होते हैं तो निश्चित रूप से उनका कल्याण होता है।