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रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

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पवन उपाध्याय / मिर्जापुर कछवा क्षेत्र के सबेसर गांव स्थित कैलाश नाथ उपाध्याय के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रवचन के छठवें दिन श्री धाम वृंदावन से पधारे राष्ट्रीय कथा व्यास पवन देव महराज ने श्रीकृष्ण- रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि अच्छे भाग्य के लिए सद्कार्य बहुत जरूरी है। मनुष्य को अपने सांसारिक जीवन में भौतिक सुखों के साथ-साथ हाथ से अच्छे कार्य एवं मुख से भगवान के नाम का जप करना चाहिए। पवन देव महराज ने कहा कि अपने घर में तुलसी का पूजा, भगवान का नित्य कीर्तन एवं बड़ों  को सम्मान देने के तीन सूत्र जीवन में उतारने चाहिए। वहीं श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का सप्रसंग व्याख्या कर उन्होंने सभी श्रोताओं का मनमोह लिया। उन्होंने गोवर्धन धारण प्रसंग में कहा कि गोवर्धन धारण लीला के माध्यम से भगवान ने पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा दी है। गोपी-उद्धव संवाद, कंस बध प्रसंगों को  अपनी शैली में सुनाकर लोगों को भावविभोर कर दिया। श्रीकृष्ण-रूक्मणी विवाह  देखने के लिए विशाल संख्या में महिलाओं-पुरुषों ने नृत्य करने पर विवश हो गए। इस अवसर पर रुक्मिणी विवाह की सुंदर झांकी के साथ छप्पन भोग की झांकी से पूरा वातावरण भक्तिमय बन गया। कथा में मुख्य रुप से राजेश कुमार उपाध्याय ,प्रदीप उपाध्याय ,बृजलाल,अरविंद पटेल,शीवम उपाध्याय, दिपक उपाध्याय आदि रहें।

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